
kya kuwari ladki janmashtami vrat kr skte hai
क्या कुंवारी लड़की भी व्रत रख सकती है
ji han Janmashtami ke din Kunwari ladkiyan bhi Vrat Rakh sakti hai kyonki us din bhagvan Shree Krishna ka janm din hota hai isiliye Kunwari ladki bhi Vart rakh sakti hai.
To aaiye Jante hai Kon kon Rakh sakte hai Vart aur Kyon Rakha Jata hai Vart
जब-जब धरती पर धर्म का पतन होता है तब-तब भगवान मनुष्य रूप में पृथ्वी पर अवतार लेते हैं। इसी कड़ी में भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी, नक्षत्र में भगवान विष्णु ने कृष्ण रूप में अवतार लिया। इस दिन भगवान पृथ्वी पर अवतरित हुए थे इसलिए इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 2 सितंबर को है। इस दिन सभी लोग रात 12 बजे तक व्रत रखते हैं। आइए जानते हैं कैसे की जाती है व्रत की तैयारी और क्या हैं नियम?
मथुरा वृंदावन सहित उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में कृष्णजन्म का नहीं बल्कि कृष्ण जन्मोत्सव का व्रत रखते हैं। यहां अष्टमी के साथ नवमी व्यापिनी तिथि में भी व्रत रखा जाता है क्योंकि यहां जन्म का नहीं उत्सव का व्रत रखते हैं। लेकिन जो लोग श्रीकृष्णजन्म का व्रत रखते हैं उनके लिए 2 सितंबर का दिन व्रत-उपवास और पूजन, झूलन के लिए सभी प्रकार से ग्रह्य और उचित रहेगा।
यह हैं नियम
– जन्माष्टमी के व्रत से पहले रात को हल्का भोजन करें और अगले दिन ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए, ऐसी मान्यता है।
– उपवास के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत होकर भगवान कृष्ण का ध्यान करना चाहिए।
– भगवान के ध्यान के बाद उनके व्रत का संकल्प लें और पूजा की तैयारी करनी चाहिए।
– इस दिन भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री, पाग, नारियल की बनी मिठाई का भोग लगया जाता है।
– हाथ में जल, फूल, गंध, फल, कुश हाथ में लेकर ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥ इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
– रात 12 बजे भगवान का जन्म करें, इसके बाद उनका पंचामृत से अभिषेक करें। उनको नए कपड़े पहनाएं और उनका श्रृंगार करना चाहिए।
– भगवान का चंदन से तिलक करें और उनका भोग लगाएं। उनके भोग में तुलसी का पत्ता जरूर डालना चाहिए।
– नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, कहकर कृष्ण को झूला झुलाना चाहिए।
– भगवान कृष्ण की घी के दीपक और धूपबत्ती से आरती उतारें और उनके रातभर मंगल भजन गाना चाहिए।
Kya kare aur Kya Nhi kare
ऐसा ना करें
जन्माष्टमी के व्रत रखनेवाले एक दिन पहले से ही सदाचार का पालन करना चाहिए। जो यह व्रत भी नहीं करते हैं उन्हें भी इस दिन लहसुन, प्याज, बैंगन, मांस-मदिर, पान-सुपारी और तंबाकू से परहेज रखना चाहिए। व्रत रखनेवाले मन में भगवान कृष्ण का ध्यान शुरू कर देना चाहिए और कामभाव, भोग विलास से खुद को दूर कर लेना चाहिए। साथ ही मूल, मसूरदाल के सेवन से भी दूर रहना चाहिए। मन में नकारात्मक भाव ना आने दें।
क्या कुंवारी लड़की भी व्रत रख सकती है
ji han Janmashtami ke din Kunwari ladkiyan bhi Vrat Rakh sakti hai kyonki us din bhagvan Shree Krishna ka janm din hota hai isiliye Kunwari ladki bhi Vart rakh sakti hai.
To aaiye Jante hai Kon kon Rakh sakte hai Vart aur Kyon Rakha Jata hai Vart
जब-जब धरती पर धर्म का पतन होता है तब-तब भगवान मनुष्य रूप में पृथ्वी पर अवतार लेते हैं। इसी कड़ी में भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी, नक्षत्र में भगवान विष्णु ने कृष्ण रूप में अवतार लिया। इस दिन भगवान पृथ्वी पर अवतरित हुए थे इसलिए इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 2 सितंबर को है। इस दिन सभी लोग रात 12 बजे तक व्रत रखते हैं। आइए जानते हैं कैसे की जाती है व्रत की तैयारी और क्या हैं नियम?
मथुरा वृंदावन सहित उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में कृष्णजन्म का नहीं बल्कि कृष्ण जन्मोत्सव का व्रत रखते हैं। यहां अष्टमी के साथ नवमी व्यापिनी तिथि में भी व्रत रखा जाता है क्योंकि यहां जन्म का नहीं उत्सव का व्रत रखते हैं। लेकिन जो लोग श्रीकृष्णजन्म का व्रत रखते हैं उनके लिए 2 सितंबर का दिन व्रत-उपवास और पूजन, झूलन के लिए सभी प्रकार से ग्रह्य और उचित रहेगा।
यह हैं नियम
– जन्माष्टमी के व्रत से पहले रात को हल्का भोजन करें और अगले दिन ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए, ऐसी मान्यता है।
– उपवास के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत होकर भगवान कृष्ण का ध्यान करना चाहिए।
– भगवान के ध्यान के बाद उनके व्रत का संकल्प लें और पूजा की तैयारी करनी चाहिए।
– इस दिन भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री, पाग, नारियल की बनी मिठाई का भोग लगया जाता है।
– हाथ में जल, फूल, गंध, फल, कुश हाथ में लेकर ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥ इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
– रात 12 बजे भगवान का जन्म करें, इसके बाद उनका पंचामृत से अभिषेक करें। उनको नए कपड़े पहनाएं और उनका श्रृंगार करना चाहिए।
– भगवान का चंदन से तिलक करें और उनका भोग लगाएं। उनके भोग में तुलसी का पत्ता जरूर डालना चाहिए।
– नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, कहकर कृष्ण को झूला झुलाना चाहिए।
– भगवान कृष्ण की घी के दीपक और धूपबत्ती से आरती उतारें और उनके रातभर मंगल भजन गाना चाहिए।
Kya kare aur Kya Nhi kare
ऐसा ना करें
जन्माष्टमी के व्रत रखनेवाले एक दिन पहले से ही सदाचार का पालन करना चाहिए। जो यह व्रत भी नहीं करते हैं उन्हें भी इस दिन लहसुन, प्याज, बैंगन, मांस-मदिर, पान-सुपारी और तंबाकू से परहेज रखना चाहिए। व्रत रखनेवाले मन में भगवान कृष्ण का ध्यान शुरू कर देना चाहिए और कामभाव, भोग विलास से खुद को दूर कर लेना चाहिए। साथ ही मूल, मसूरदाल के सेवन से भी दूर रहना चाहिए। मन में नकारात्मक भाव ना आने दें।
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